आधार कार्ड अपडेट 2022 : अब बच्चे को जन्म के साथ ही मिल जाएगा

अब बर्थ सर्टिफिकेट से पहले बनेगा अब आधार कार्ड

ग्वालियर : नमस्कार दोस्तों जैसा की हम जानते है आधार 12 अंको की एक निजी विशिष्ट संख्या है जो की unique होती है. जिसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, भारत सरकार की ओर से सभी निवासियों को जारी करता है।  यह संख्या, भारत में कहीं भी, व्यक्ति की पहचान और पते का प्रमाण होगा। जिसे हम यू.आई.डी.ए.आई. पर आसानी से देख सकते है कोई भी व्यक्ति जो भारत का निवासी हो और जो यू.आई.डी.ए.आई. द्वारा निर्धारित सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करता हो, वह आधार के लिए नामांकन करवा सकता है. आधार संख्या प्रत्येक व्यक्ति की जीवनभर की पहचान है। हमारे पास सरकारी व गैर-सरकारी सेवाओं की सुविधाएं प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड जरुरी है .

आधार कार्ड अब जन्म से पहले मिलेगा कैसे जाने विस्तार से

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आधार कार्ड बनाने वाली अथॉरिटी यूआईडीएआई जल्द ही अस्पतालों में नवजात शिशुओं को आधार कार्ड देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए अस्पतालों में जल्द ही एनरोलमेंट शुरू किए जाएंगे। सब कुछ योजना के मुताबिक चला तो बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट आने से पहले उसके पास आधार कार्ड होगा। बर्थ सर्टिफिकेट मिलने में करीब एक महीना लग जाता है। मीडिया से बातचीत में यूआईडीएआई के सीईओ सौरभ गर्ग ने कहा कि हम नवजात शिशुओं को आधार नंबर देने के लिए बर्थ रजिस्ट्रार के साथ टाईअप करने की कोशिश कर रहे हैं।

AADHAR CARD UPDATE 2022
AAHADAR CARD UPDATE 2022

क्या है पूरी खबर जाने विस्तार से

 गर्ग ने कहा कि 99.7 प्रतिशत वयस्क आबादी को आधार के दायरे में लाया जा चुका है। इसके तहत अब तक देश की 131 करोड़ आबादी को एनरोल किया गया है। अब हमारी कोशिश नवजात शिशुओं का नामांकन करने की है। उन्होंने कहा कि हर साल दो से ढाई करोड़ बच्चे जन्म लेते हैं। हम उन्हें आधार में एनरोल करने की प्रक्रिया में हैं। बच्चे के जन्म के समय ही उनकी फोटो क्लिक कर आधार कार्ड दे दिया जाएगा। गर्ग ने बताया कि हम 5 साल से कम उम्र के बच्चों का बायोमेट्रिक्स नहीं लेते हैं, लेकिन इसे उसके माता या पिता में से किसी एक के साथ जोड़ते हैं। 5 साल की उम्र पार करने के बाद बच्चे का बायोमेट्रिक्स लिया जाएगा। हम अपनी पूरी आबादी को आधार नंबर देने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले साल दूरदराज के इलाकों में 10,000 कैंप लगाए गए। वहां हमें बताया गया था। कि बहुत से लोगों के पास आधार नंबर नहीं है। इस कवायन से 30 लाख लोगों को नामांकित किया गया था। हमने 2010 में पहला आधार नंबर जारी किया था। शुरुआत में हमारा ध्यान ज्यादा से ज्यादा लोगों का नामांकन करने पर था।

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