CHAPTER 14 जैव-अणु

                                                                                 पाठ 14 जैव-अणु

1. कौन-सा डाइसैकेराइड है –
a. ग्लूकोस    b. फ्रक्टोस

c. सुक्रोस      d. जाइलोज

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2. सबसे मीठी शर्करा है –
a. ग्लूकोस   b. माल्टोस

c. फ्रक्टोस   d. सुक्रोस
3. कार्बोहाइड्रेट जो हमारे शरीर में रिजर्व ग्लूकोस का काम करता है वह है –
a. सुक्रोस      b. स्टार्च

c. ग्लाइकोजन   d. फ्रक्टोस
4. दूध में उपस्थित शर्करा है –

a. सुक्रोस           b. ग्लूकोस

c. लैक्टोस          d. माल्टोस

5. इनसुलिन के जल अपघटन से प्राप्त होता है –

a. ग्लूकोस                      b. फ्रक्टोस   

c. ग्लूकोस व फ्रक्टोस       d. लैक्टोस

6. RNA में उपस्थित क्षारक है –
a. एडीनीन ग्वानीन साइटोसीन थायमीन
b. ग्वानीन साइटोसीन थायमीन यूरेसिल
c. साइटोसीन थायमीन एडिनीन यूरेसिल
d. एडीनीन ग्वानीन साठटोसीन यूरेसिल

प्रश्न 1. कार्बाेहाइड्रेट का सामान्य परीक्षण दीजिए। माॅलिश परीक्षण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर – कार्बाेहाइड्रेट का सामान्य परीक्षण माॅलिश परीक्षण के रूप् में किया जाता है इस परीक्षण में काब्रनिक यौगिक के जलीय विलयन में साथ माॅलिश अभिकर्मक (a – नैफ्थाॅल का ऐल्कोहाॅलिक विलयन) मिलाकर परखनली की दीवार के सहारे सान्द्र H2SO4 मिलाने पर यदि दो दतों की परतों के बीच बैंगनी तलय रिंग बनता है तो वह कार्बनिक यौगिक कार्बाेहाइड्रेट है।
प्रश्न 2. RNA का एक कार्य लिखिए।
उत्तर – प्रोटीन संश्लेषण में सहायता करता है।
प्रश्न 3. कोशिका में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के कौन-से है?
उत्तर – कोशिका में पाए जाने वाले तीन प्रकार के RNA नि.लि. है –
(i) राइबोसोमल RNA (r – RNA)
(ii) सन्देशवाहक RNA (m – RNA)
(iii) अन्तरण या ट्रान्सफर RNA (t – RNA)
प्रश्न 4. ग्लूकोस के ऑक्सीकरण पर संक्षिप्त टिपपणी लिखिए।
उत्तर – ग्लूकोस की संरचना में एक समूह होता जिसके कारण यह अपचायक का कार्य करता है। इस कारण यह फेहलिंग विलयन व टाॅलुईन अभिकर्मकों जैसे मन्द ऑक्सीकारकों द्वारा ऑक्सीकृत होकर उन्हें अपचयित कर देता है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रश्न 5. ग्लूकोस का परीक्षण किस प्रकार किया जाता है? रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर – टाॅलुईन अभिकर्मक – 10% सिल्वर नाइट्रेट विलयन में विलयन मिलाने पर एक पूरा अवक्षेप आता है जिसको NH4OH की न्यून मात्रा में घोलने पर एक पारदर्शक विलयन बनता है इसको अमोनिकल सिल्वर नाइट्रेट या टाॅलुईन अभिकर्मक कहते हैं।
ग्लूकोस का परीक्षण – टाॅलुईन अभिकर्मक ग्लूकोस से निम्नवत् कियाकरता है और रजत दर्पण बनाता है।

प्रश्न 6. प्रोटीन क्या है? इनके महत्वपूर्ण उपयोग लिखिए।
उत्तर – प्रोटीन प्रोटीन नाइट्रोजनयुक्त संकीर्ण कार्बनिक यौगिक होते हैं प्रोटीन a – ऐमीनो अम्ल के बहुलक होेते हैं। प्रोटीन में a – ऐमीनो अम्ल परस्पर पेप्टाइड बन्धों द्वारा जुड़े रहते हैं।

प्रोटीन के उपयोग अथवा कार्य अथवा महत्व –
(i) प्रोटीन का मुख्य कार्य शरीर रचना में भाग लेना है। यह हमारे शरीर का मुख्य भाग बनाती है।
(ii) शरीर में हुई टूट – फूट की मरम्मत के लिए भी प्रोटीन की आवश्यकता होती है।
(iii) शरीर में उपापचयी क्रिया में एन्जाइम जैव उत्प्रेरक का कार्य करते हैं। सभी एन्जाइम ग्लोबुलर प्रोटीन कहते है।                                  (iv) आवश्यकता से अधिक प्रोटीन शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है।
प्रश्न 7. DNA की संरचना का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर – DNA की द्विकुण्डलित संरचना को जेम्स वाट्सन तथा फ्रांसिस किक ने प्रस्तावित किया। इस संरचा में दो न्यूक्लिक अम्ल श्रंख्लाएँ परस्पर कुण्डलित रहती है तथा एक-दूसरे से क्षारक युग्मों के मध्य निम्रित होन वाले हाइड्रोजन बन्धों के द्वारा जुड़ी रहती है। चूँकि हाइड्रोजन बन्धों का निर्माण क्षारकां के विशिष्ट युग्मों के मध्य ही होता है। अतः दोनों रज्जुक एक-दूसरे की पूरक होती है। एडिनीन सदैव थायमीन के साथ हाइड्रोजन बन्ध निर्माण करता है जबकि साइटोसीन ग्वानीन के साथ हाइड्रोजन बन्ध बनाता है।
प्रश्न 8. कार्बोहाइड्रेट क्या है? इनका वर्गीकरण कीजिए तथा प्रत्येक वर्ग के एक कार्बोहाइड्रेट का नाम व सूत्र भी लिखिए।

                                                                                अथवा

मोनो तथा पाॅलिसैकेराइडों से आप क्या समझते हेैं? उदाहरण देकर समझाइए।

                                                                                अथवा

कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण किस प्रकार किया गया है? इनके महत्व एवं रासायनिक समीकरण परीक्षण की विधि लिखिए।

                                                                               अथवा

शर्करा एवं अशर्करा क्या है? इनमें भौतिक गुण तथा प्रत्येक क दो उदाहरण दीजिए।

                                                                               अथवा

मोनोसैकेराइड डाइसैकेराइड तथा पाॅलिसैकेराइड से आप क्या समझते हैें? उदाहरण सहित समझाइए।

उत्तर – कार्बाेहाइड्रेट – ऐसे पाॅलिहाइड्राॅक्सी यौगिक जिनमें एल्डिहाइड या कीटोनिक समूह उपस्थित होते हैें, कार्बोहाइड्रेट कहलाते हैं। अथवा वे कार्बनिक यौगिक जो अपघटन पर पाॅलिहाइड्राॅक्सी एल्डिहाइड या पाॅलिहाइड्राॅक्सी कीटोन देते हैं, कार्बोहाइड्रेट कहलाते हैं। कार्बोहाइड्रेट हमारे भोजन का मुख्य भाग मनुष्य के लिए कार्बोहाइड्रेट के उत्तम स्त्रोत है। गेहूँ, चावल, मक्का, केला, अन्य फल व आलु आदि।
कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण –
भौतिक गुणों के आधार पर इन्हें दो भागों में वर्गीकृत किया गया है –
1. शर्कराएँ – यह क्रिस्टलीय, मीठे तथा जल में घुलनशील होते हैं जैसे ग्लूकोस, फ्रक्टोस, चीनी का शर्करा लैक्टोस आदि।
2. अशर्कराएँ – यह अक्रिस्टलीय स्वादहीन और जल में अविलेय होते हैं जैसे स्टार्च, सेलुलोस ग्लाइकोजन आदि।
रासायनिक गुणों के आधार पर इनका वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया जाता है –
(i) मोनोसैकेराइड – वह शर्कराए जिनका छोटे अणुओं में जल-अपघटन नहीं होता है। मोनोसैकेराइड कहलाती है। जैसे ग्लूकोस [C6H12O6] फ्रक्टोस आदि।
(ii) डाइसैकेराइड – वह शर्कराएँ जो जल अपघटन होकर मोनोसैकेराइड के दो अणु बनाती है, डाइसैकेराइड कहलाती है। जैेसे सुक्रोस (C12H22O11) माल्टोस (C12H22O11) आदि।

C12H22O11       +     H2O       →         2C6H12O6
डाइसैकेराइड                                    मोनोसैकेराइड
(iii) पाॅलिसैकेराइड – वह शर्कराएं जो जल अपघटित होकर मोनोसैकेराइड के बहुत अधिक अणु देती है पाॅलिीसैकेराइड कहलाती है। जैसे – स्टार्च, सेलुलोस

(C6H10O5)n

+  nH2O  →   n(C6H12O6) पाॅलिसैकेराइड

मोनोसैकेराइड

कार्बोहाइड्रेटों का महत्व – कार्बोहाइड्रेट भोजन का महत्वपूर्ण अवयव है। मुख के अन्दर आते ही इनकी पाचन क्रिया प्रारम्भ हो जाती है। लार में उपस्थित एन्जाइम टायलिन स्टार्च को माल्टोस में परिवर्तित कर देता है। अग्याशियिक रस जो क्षारीय प्रवृत्ति का होता है, में उपस्थित एन्जाइम इमाइलेस स्टार्च को माल्टोस में परिवर्तित कर देता है आंतरिक रस भी क्षारीय होता है। इसमें उपस्थित एन्जाइम माल्टेस, सुक्रोस तथा लेक्टेस आगे होने वाली अभिक्रियाओं में भाग लेते हैं, जिनमें माल्टोस ग्लूकोस में बदलता है।

यकृत से                      इन्सुलिन
ग्लूकोस फ्रक्टोस आदि       →         ग्लाइकोजन      →      ग्लूकोस   →   CO2 +  H2O +  ऊर्जा

अतः ग्लूकोस रक्त धारा में अवशोषित होता है और ऑक्सीजन द्वारा ऑक्सीकृत होकर CO2 व H2O देता है। इसी ऑक्सीकरण अभिक्रिया के द्वारा ऊर्जा उत्पन्न होती है।

 

ऑक्सीडेज

C6H12O6   +     6O2     →        6CO2 ↑  +  6H2O +  677K
एन्जाइम

कैलोरी डाइ तथा पाॅलिसैकेराइड का जल अपघटन होता है तथा मोनोसैकेराइड बनते हैं जो फिर ऑक्सीकृत होकर ऊर्जा प्रदान करते हैं । सेलुलोस हमारे शरीर में ऊर्जा प्रदान नहीं करता है बल्कि मल को निकालने में सहायक होता है। हमारे लिवर में कार्बोहाइड्रेट ग्लाइकोजन के रूप् में जमा रहते हैं और आवश्यकता पड़ने पर यह ग्लूकोस में जल अपघटित हो जाता है तथा शरीर को ऊर्जा प्रान करता है।

प्रश्न 9. फेहलिंग विलयन क्या है? क्या होता है जब इसे ग्लूकोस के साथ गर्म किया जाता है रासायनिक समीकरण भी दीजिए।
उत्तर – फेहलिंग विलयन दो विलयनों का समान अनुपात में मिश्रण होता है फेहलिंग विलयन A तथा फेहलिंग विलयन B। फेहलिंग विलयन A, क्षारीय CuSO4 का विलयन होता है, तथा फेहलिंग विलयन B सोडियम पोटेशियम टार्टरेट लवण का क्षारीय विलयन है।

प्रश्न 10. ऐमीनो अम्ल किसे कहते हैं? इनका प्रोटीन से क्या सम्बन्ध है? रासायनिक सूत्र द्वारा समझाइए।
उत्तर – ऐमीनो अम्ल – कार्बोक्सिलिक अम्लों के ऐसे व्युत्पन्न जो काबेांक्सिलिक अम्लों के ऐल्किल समूह के हाइड्रोजन परमाणुओं के अनुरूप ऐमीनो समूह (-NH3) द्वारा विस्थापित करने पर प्राप्त होते हैं, ऐमीनो अम्ल कहलाते हैं। इन यौगिकों के अणुओं में एमीनो समूह और कार्बोक्सिलिक समूह एक साथ होते हैं।

– H

CH3COOH          →           H2N—CH2—COOH

एसीटिक अम्ल     -NH2         एमीनो एसीटिक अम्ल

अतः वह यौगिक जिनके एक अणु में एक या अधिक ऐमीनो समूह तथा एक या अधिक कार्बोक्सिलिक समूह होते हैं, एमीनो अम्ल कहलाते हैं।

एमीनो अम्ल तथा प्रोटीन में सम्बंध –
a – ऐमीनो अम्ल के बहुलकीकरण से प्रोटीन प्राप्त होते हैं। a – ऐमीनो अम्लों के परसपर बहुलकीकरण से पाॅलिपेप्टाइड बनते हैं, जिन पाॅलिपेप्टाइड का अणुभार 10,000 से अधिक होता है प्रोटीन कहलाते हैं।

प्रश्न 11. DNA तथा RNA में महत्वपूर्ण संरचनात्मक एवं क्रियात्मक अंतर लिखिए।
            DNA तथा RNA में अंतर बताइए।
उत्तर –                 

                                                                           संरचनात्मक अंतर

क्रमाँक DNARNA
1.DNA में उपस्थित शर्करा 2 – डिऑक्सी D (-) राइबोस है।RNA में उपस्थित शर्करा D (-) राइबोस है।
2.DNA में साइटोसीन तथा थायमीन पिरिमडोन क्षारकों के रूप में होते हैं।RNA में साइटोसीन तथा यूरेसिल पिरिमिडोन क्षारकों के रूप में होते हैं।
3.DNA की द्विकुण्डलित a – हेलिक्स संरचना होती है।RNA की एकल कुण्डलित a – हेलिक्स संरचना होती है।
4.DNA अणु अत्यधिक विशाल होते हैं, इनका आण्विक द्रव्यमान 6×106 u से 16×106 u के मध्य होता है।RNA अणु अपेक्षाकृत छोटे होते हैं, इनका आण्विक द्रव्यमान 20,000 से 40,000 के मध्य होता है।

                                                                                क्रियात्मक अन्तर

क्रमाँकDNARNA
1.DNA में प्रतिकरण का विशिष्ट गुण होता है।RNA सामान्यतः प्रतिकरण नहीं करते हैं।
2.DNA आनुवंशिक प्रभावों के संरण को नियंत्रित करता है।RNA प्रोटीन संश्लेषण को नियंत्रित करता है।

 

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