अभिभावकों की सहमति बोर्ड परीक्षा ऑफलाइन हों | MP board offline exam news

MP board offline exam news
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माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश की कक्षा 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में अब केवल 10 दिन ही बाकी रह गए हैं। शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने परीक्षा को ऑफलाइन मोड पर आयोजित करने की ठानी है। वहीं दूसरी तरफ 50 प्रतिशत क्षमता के साथ स्कूलों को खोला जा रहा है जहां प्राथमिक कक्षाओं के अभिभावकों का कहना है कि उच्च कक्षाओं की परीक्षा ऑफलाइन हों लेकिन माध्यमिक कक्षाएं एवं प्राथमिक कक्षाओं की परीक्षा ऑनलाइन ली जाएं या कोई दूसरा रास्ता निकाला जाए। बच्चों को ऑफलाइन परीक्षा दिलाकर अभिभावक रिस्क नहीं ले सकत साथ ही अभिभावकों ने अपनी नाराजगी जाहिर की।

अभिभावकों की सहमति बोर्ड परीक्षा ऑफलाइन हों

तीसरी लहर का पीक गुजर जाने की स्थिति आ जाने के आधार पर राज्य सरकार ने 50 फीसदी क्षमता के साथ स्कूल खोल दिए हैं। अनुमति भले ही 50 फीसदी की हो लेकिन कक्षाओं में विद्यार्थियों की उपस्थिति इससे भी कम है। सबसे कम उपस्थिति प्राथमिक कक्षाओं में है। जहां बमुश्किल 10 फीसदी बच्चे भी स्कूल नहीं जा रहे है। लेकिन इसके बावजूद निजी स्कूल उच्च कक्षाओं के साथ-साथ प्राथमिक कक्षाओं की परीक्षाएं भी ऑफलाइन कराने पर अड़े हुए हैं।

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  • ऑफलाइन परीक्षा कराने पर अड़े स्कूल कक्षाएं
  • 50 फीसदी क्षमता से लगाने की अनुमति
  • प्राथमिक कक्षाओं में उपस्थिति 10 फीसदी तक ही
  • अभिभावक बोले पहली से आठवीं कक्षा तक ऑनलाइन ही ली जाए परीक्षा

अभिभावक हैं परेशान

अभिभावकों को लगातार इसकी जानकारी देकर बच्चों को परीक्षाओं में भेजने का दबाव बनाया जा रहा है। इसके चलते अभिभावकों में नाराजगी है। अभिभावकों का कहना है कि, तीसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है और केस भी पूरी तरह कम नहीं होकर घट-बढ़ रहे हैं। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। बोर्ड की कक्षाओं सहित नवमी और 11 वीं की बड़ी कक्षाओं में ऑफलाइन परीक्षाएं जरूर कराई जाएं लेकिन प्राथमिक माध्यमिक कक्षाओं की परीक्षाएं ऑनलाइन ही हो।

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वैक्सीन की सुरक्षा भी नहीं बच्चों के पास

अभिभावकों और जानकारों का कहना है कि, पहली से आठवीं तक के छोटे बच्चे जो स्कूल नहीं जा रहे हैं और इनके पास वैक्सीन की सुरक्षा भी नहीं है, उन्हें पूरी 100 फीसदी क्षमता से परीक्षा के लिए कैसे बुलाया जा सकता है। इसमें भी पहली से पांचवी तक के बिल्कुल छोटे बच्चे तो सोशल डिस्टेसिंग और मास्क हमेशा लगाने की सुरक्षा भी नहीं अपना सकते है, इसलिए इस सम्बंध में स्कूलों को विकल्प देना ही चाहिए।

कोई स्पष्ट निर्देश नहीं

स्कूल ऑनलाइन परीक्षा लेंगे या ऑफलाइन परीक्षा ही लेंगे, इस सम्बंध में अब तक राज्य सरकार या स्कूल शिक्षा विभाग ने कोई निर्देश नहीं निकाले हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इस सम्बंध में कोई स्पष्ट निर्देश नहीं होने के चलते कुछ भी कहने से बच रहे हैं। ऐसे में कुछ ही दिनों में शुरू होने जा रही परीक्षाओं को लेकर गफलत की स्थिति बन गई है।

लेट फेस को लेकर कांग्रेस ने उठाए सवाल

माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा परीक्षा फीस भरने में 1 दिन की भी देरी होने पर 10 गुना दंड लगाना गरीब छात्रों के ऊपर जजिया कर की तरह है। प्रदेश कांग्रेस मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने माध्यमिक शिक्षा मंडल के ताजे परिपत्र जिसमें 900 रुपए परीक्षा फीस और 10000 रुपए लेट फीस लेने का निर्णय किया गया है की निंदा की है। गुप्ता ने कहा कि डिजिटल युग में अगर सर्वर डाउन हो या पोर्टल डाउन हो तो फीस भरने में देरी भी हो सकती है।

सामान्य फीस 9 सौ और लेट फीस 10 हजार

ज्यादातर विद्यार्थी जो राज्य बोर्ड से परीक्षा देते हैं वह सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब विद्यार्थी होते हैं अतः 900 के स्थान पर 10 हजार रुपए वसूलना एक तरह का उत्पीड़न है । उन्होंने मांग की कि सरकार तत्काल इस तुगलकी निर्णय को वापस ले और लेट फीस का युक्तियुक्त करण कर नए आदेश जारी करे। कांग्रेस गरीब विद्यार्थियों की लूट बर्दास्त नहीं करेगी।

महत्वपूर्ण जानकारियाँ —

“बोर्ड परीक्षा के लिए TIPS & TRICKS के लिए यहाँ पर क्लिक करें। ”

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About Touseef 3649 Articles
Tauseef was born in Deharadoon, Uttarakhand. He began writing in 2021, and has contributed to the educational and finance content. He lives in Nainitaal.